“Sector 36” एक क्राइम-थ्रिलर है जो हमें समाज के उस काले और डरावने हिस्से में ले जाती है, जहाँ भ्रष्टाचार, पावर, और इंसानियत के नाम पर क्रूरता अपने चरम पर होती है। यह फिल्म केवल मनोरंजन नहीं बल्कि समाज में मौजूद उस अंधेरे का आईना है, जो हमें सोचने पर मजबूर कर देती है।
फिल्म का सार
फिल्म की शुरुआत होती है प्रीतम सिंह उर्फ़ प्रेम सिंह से, जो एक अमीर और शक्तिशाली बिजनेसमैन बलबीर बसी के घर का नौकर है। प्रेम सिंह का किरदार इतना भयानक है कि वह बच्चों को अगवा करता है, उनका यौन शोषण करता है, और फिर उन्हें काटकर उनके अंगों की तस्करी करता है। दूसरी ओर, सब इंस्पेक्टर राम चरण पांडे एक भ्रष्ट पुलिस अधिकारी हैं, जो झुग्गी से गायब हो रहे बच्चों की शिकायतें सुनने के बजाय उन्हें अनदेखा करते हैं।
फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक उच्च-वर्ग के बच्चे की गुमशुदगी पर पूरा सिस्टम हरकत में आ जाता है, लेकिन झुग्गी के बच्चों के लिए कोई आवाज नहीं उठाता। राम चरण की यह यात्रा हमें उन घिनौने सच का सामना कराती है, जहाँ गरीबी और अपराध की दुनिया एक-दूसरे में घुली-मिली होती है।
फिल्म का सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या समाज केवल पैसे और ताकत के आधार पर चलता है?
फिल्म की सच्चाई से प्रेरित घटनाएँ
फिल्म का निर्देशन और स्क्रिप्ट लेखन इतनी गहराई में है कि हर दृश्य आपके अंदर एक डर और बेचैनी पैदा करता है।
“Sector 36” केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि समाज के सबसे गहरे और डरावने पक्ष को उजागर करने वाली एक कहानी है। यह आपको झकझोर कर रख देती है और सोचने पर मजबूर करती है कि क्या वाकई हम ऐसे समाज में जी रहे हैं जहाँ सत्ता और पैसे के आगे सच दब जाता है?
आपका क्या विचार है? क्या “Sector 36” समाज के स्याह पक्ष को सही ढंग से दर्शाती है? अपने विचार नीचे कमेंट में जरूर बताएं और इस चर्चा को आगे बढ़ाएँ।
Here’s the Trailer – Sector 36