राम चरण और कियारा आडवाणी की फिल्म ‘Game Changer’ ने सिनेमा घरों में धमाकेदार एंट्री की है। लेकिन सवाल उठता है, क्या ये फिल्म दर्शकों की उम्मीदों पर खरी उतरती है? आइए, जानते हैं फिल्म की खास बातें और खामियों को विस्तार से।
कहानी
फिल्म की कहानी राजनीति और बदले की भावनाओं के इर्द-गिर्द घूमती है। राम चरण ने इसमें डबल रोल निभाया है, जो फिल्म की जान है। कहानी में कई ट्विस्ट और टर्न्स हैं, जो दर्शकों को बांधे रखते हैं। लेकिन क्या ये ट्विस्ट दर्शकों को चौंकाने में सफल होते हैं, ये देखना दिलचस्प है।
प्लस पॉइंट्स
*राम चरण का शानदार प्रदर्शन: डबल रोल में *राम चरण ने दर्शकों को प्रभावित किया है। उनकी एक्शन और इमोशनल सीन पर पकड़ शानदार है।
*एस.जे. सूर्याह का अभिनय: विलेन के रूप में *एस.जे. सूर्याह ने अपने किरदार को बखूबी निभाया है, जो फिल्म का एक और मजबूत पक्ष है।
इंटरवल ट्विस्ट: फिल्म का इंटरवल ट्विस्ट दर्शकों को चौंका देता है और दूसरे हाफ के लिए उत्सुकता बढ़ाता है।
विजुअल्स और प्रोडक्शन वैल्यू: फिल्म के विजुअल इफेक्ट्स और सेट डिज़ाइन को बखूबी पेश किया गया है, जो स्क्रीन पर भव्यता लाते हैं।
माइनस पॉइंट्स
लंबाई: फिल्म की लंबाई दर्शकों के धैर्य की परीक्षा लेती है। कुछ दृश्यों को आसानी से छोटा किया जा सकता था।
*प्रेम कहानी: *राम चरण* और *कियारा आडवाणी की प्रेम कहानी को अधिक प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जा सकता था। यह भाग दर्शकों को उतना नहीं जोड़ पाता।
धीमी गति: पहले हाफ में कहानी की धीमी गति दर्शकों को थोड़ा निराश कर सकती है।
तकनीकी पक्ष
*निर्देशन: *एस. शंकर का निर्देशन दमदार है, लेकिन कहानी के कुछ हिस्से खींचे हुए लगते हैं।
संगीत: फिल्म का संगीत कहानी के साथ मेल खाता है, लेकिन ऐसा कोई गाना नहीं है जो लंबे समय तक याद रह सके।
फाइनल वर्डिक्ट
‘Game Changer’ एक पॉलिटिकल एक्शन थ्रिलर है, जो अपने स्टाइलिश प्रेजेंटेशन और पावर-पैक परफॉर्मेंस से दर्शकों को बांधे रखती है। हालांकि, फिल्म की लंबाई और धीमी गति कुछ दर्शकों के लिए निगेटिव पॉइंट हो सकती है। कुल मिलाकर, यह फिल्म राम चरण और एस.जे. सूर्याह के प्रशंसकों के लिए एक विजुअल ट्रीट है।